फूलों जैसी कोमल नारी, कांटो जितनी कठोर नारी,अपनो की हिफाज़त मे सबसे अव्वल नारी : टिवंकल सेन
फूल जैसी कोमल नारी, कांटो जितनी कठोर नारी अपनो की हिफाज़त मे सबसे अव्वल नारी दुखो को दूर कर, खूशियो को समेटे नारी फिर लोग क्यो कहते तेरा अस्तित्व क्या नारी जब अपने छोटे छोटे ख्वाहिशों को जीने लगती नारी दुनिया दिखाती है उसे उसकी दायरे सारी अपने धरम मे बंधी नारी, अपने करम…