खेलने की कोई उम्र नहीं होती। शारारिक ‘खेल’ एक व्यायाम है जो तन के साथ-साथ मन को भी ‘स्वस्थ्य’ रखता है..
वोमेन पॉवर किटी ग्रुप ने खेल को बढ़ावा देने के लिए स्पोर्ट्स डे मनाया और ये संदेश दिया की,खेलने की कोई उम्र नहीं होती” का मतलब है कि कोई भी व्यक्ति किसी भी उम्र में खेल सकता है. खेलना तन और मन दोनों को स्वस्थ रखता है।
खेल मानव जीवन का एक ऐसा महत्वपूर्ण हिस्सा हैं, जो हमें शारीरिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाने के साथ-साथ मानसिक तौर पर सशक्त और मजबूत बनाते हैं। खेलों के माध्यम से ही समाज को संगठित किया जा सकता है, सही मायनों में खेल ही मानव के सर्वांगीण विकास में मुख्य भूमिका निभाते हैं।
दीप्ति रावत और शिखा तिवारी ने ये पूरा आयोजन रखा जिसमे रितु और मोनिका विनर रही।,आरती,किम,प्रतिभा,राधिका,बीनू,शिल्पा,स्मिता,चाँदनी,अनीता,पूजा दीप्ति शर्मा आदि महिलाओं ने भाग लेकर खेल का आनन्द उठाया।।